आखिरी शब्द(Akhiri shabd)- a SAD short poem by Durga prasad mishra-
ये आखिरी शब्द है उसके लिए …
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जो छोड़ गया हर पल के लिए…
कुछ पल मिले थे एक पल के लिए,
वो पल भी गया हर पल के लिए,
“आखिरी शब्द”
ये आखिरी शब्द है उसके लिए …
जो छोड़ गया हर पल के लिए…
कुछ पल मिले थे एक पल के लिए,
वो पल भी गया हर पल के लिए,
ये आखिरी शब्द है उसके लिए …
जो छोड़ गया हर पल के लिए…
ऑंखें आज फिर से हुई नम,
दिल में फिर से आये वही गम,
फिर नीद गयी फिर चैन गया,
हाँ डर था उसे खो जाने का,
हाँ डर था उसे खो जाने का,
वो डर भी गया हर पल के लिए,
ये आखिरी शब्द है उसके लिए …
जो छोड़ गया हर पल के लिए…
वो बातें वो मुलाकातें,
वो बातो में गुजरी रातें,
दिल में ही दफन हो गयी,
अब सारी वो जज्बातें,
बस याद ही है,
पल पल के लिए,
ये आखिरी शब्द है उसके लिए …
जो छोड़ गया हर पल के लिए…
जाने कितने दिन गुजरे,
गुजर गयी कितनी ही रातें,
पर ख़त्म नही होती थी,
वो अपनी वो प्यारी बातें,
खायी थी कितनी हमने,
वो जीने मरने की कसमें,
ख़त्म हो गयी वो सारी बातें,
कुछ भी नही अपने बस में,
बस याद ही है पल पल के लिए…
ये आखिरी शब्द है उसके लिए …
जो छोड़ गया हर पल के लिए…
पल दो पल वो साथ रहा,
पल दो पल में चला गया,
आज भी है याद वो पल,
जिस पल में आंखे चुरा लिया,
जिस पल में दामन छुड़ा लिया,
वो पल भी कितना हसीन था,
वो पल भी कितना हसीन था,
उस पल पे हमको यकिन था,
आज सोच रहा हु मैं,
उस पल को,
उस पल में क्यों न भुला दिया,
वो याद रहेगा हर पल के लिए…
ये आखिरी शब्द है उसके लिए …
जो छोड़ गया हर पल के लिए…